नए स्मार्ट मीटर ने उड़ाई ग्राहकों की नींद, भारी बिजली बिल देखकर हर कोई हैरान

देशभर में बिजली कंपनियां पुराने मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगा रही हैं। इसका मकसद है बिजली की खपत (Consumption) को डिजिटल तरीके से देखना, बिल को तुरंत तैयार करना और लोगों को आसानी देना। लेकिन कई शहरों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल अचानक बढ़ने की शिकायतें आ रही हैं।

मध्यप्रदेश के सागर शहर में भी लोग कह रहे हैं कि उनके बिल पहले से ज्यादा आ रहे हैं, जबकि बिजली का इस्तेमाल (Use) वही है या कम हुआ है। इस समस्या की मुख्य वजह है मीटर की गलत वायरिंग (Wiring)। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसका हल क्या है।

स्मार्ट मीटर से बिल क्यों बढ़ रहा है?

स्मार्ट मीटर बहुत संवेदनशील (Sensitive) होते हैं। इनमें दो तार होते हैं – फेस (Phase) और न्यूट्रल (Neutral)। अगर ये तार सही से नहीं जोड़े जाते, तो मीटर गलत रीडिंग (Reading) दिखाता है। इसका मतलब है कि आपका पंखा, बल्ब या फ्रिज जितनी बिजली ले रहा है, मीटर उससे ज्यादा यूनिट (Units) दिखा रहा है। नतीजा? आपका बिल जरूरत से ज्यादा आता है।

सागर में क्या हो रहा है?

सागर के दूरसंचार कॉलोनी में रहने वाले राजू सिंह, जो सेना में काम करते हैं, ने बताया कि वे 2 महीने से घर पर नहीं थे। फिर भी उनके मीटर में 150-200 यूनिट बिजली की खपत दिखाई गई। जब इलेक्ट्रिशियन (Electrician) ने जांच की, तो पता चला कि मीटर का कनेक्शन गलत था।

गलत कनेक्शन का आसान हल

अगर मीटर की वायरिंग गलत है, तो इसे ठीक करने का तरीका है – MCB (मेन सर्किट ब्रेकर) में फेस और न्यूट्रल तार को सही करना। सागर के सिविल लाइन में रहने वाले हरवंश अग्रवाल ने बताया कि उनके किरायेदार का बिल बहुत ज्यादा आ रहा था। इलेक्ट्रिशियन ने MCB में कनेक्शन ठीक किया, तो खपत कम हुई और बिल सामान्य हो गया।

बिजली कंपनी के शिविर और शिकायतें

बढ़ते बिलों की समस्या को देखते हुए बिजली कंपनी हर मंगलवार को शहर में शिकायत निवारण शिविर लगा रही है। इन शिविरों में हर महीने 150 से ज्यादा लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं। ज्यादातर शिकायतें गलत रीडिंग, खराब कनेक्शन या मीटर की गड़बड़ी से जुड़ी होती हैं। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। कार्यपालन अभियंता अजीत चौहान कहते हैं कि उन्हें कोई बड़ी शिकायत नहीं मिली, पर लोग चाहें तो जांच करवा सकते हैं।

ठेकेदारों की लापरवाही

बिजली कंपनियां स्मार्ट मीटर लगाने का काम ठेकेदार एजेंसियों को देती हैं। ये एजेंसियां जल्दबाजी में काम करती हैं और कई बार बिना जांच के कनेक्शन जोड़ देती हैं। इन्हें घर की अंदरूनी वायरिंग की जानकारी नहीं होती और न ही ये चेक करते हैं कि तार सही जुड़े हैं या नहीं। इससे लोगों को नुकसान होता है और बिजली कंपनी की साख (Reputation) भी खराब होती है।

आप क्या कर सकते हैं?

अगर आपके घर में स्मार्ट मीटर लग रहा है, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  1. इंस्टॉलेशन के वक्त मौजूद रहें: मीटर लगाते समय कर्मचारियों से कनेक्शन चेक करने को कहें।
  2. इलेक्ट्रिशियन से दोबारा जांच करवाएं: किसी अच्छे इलेक्ट्रिशियन से मीटर की वायरिंग चेक कराएं।
  3. MCB चेक करें: फेस और न्यूट्रल तार सही जगह जुड़े हैं या नहीं, देखें।
  4. शिकायत करें: अगर बिल ज्यादा लगे, तो बिजली कंपनी में तुरंत शिकायत करें।
  5. खपत नोट करें: रोज की यूनिट रीडिंग लिखते रहें।

बिजली कंपनी की जिम्मेदारी

स्मार्ट मीटर लगाना अच्छी बात है, लेकिन इसे सही तरीके से करना जरूरी है। बिजली कंपनी को चाहिए कि:

  • शिकायतों का हल जल्दी करे।
  • ठेकेदारों को अच्छी ट्रेनिंग (Training) दे।
  • मीटर लगाने के बाद पूरी जांच करे।
  • लोगों को बताए कि वे अपने मीटर की जांच कैसे कर सकते हैं।

निष्कर्ष

स्मार्ट मीटर तकनीक लोगों की सुविधा के लिए लाई गई है, लेकिन गलत कनेक्शन और लापरवाही की वजह से यह परेशानी बन रही है। सागर जैसे शहरों में बढ़ते बिलों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। अगर आप भी स्मार्ट मीटर इस्तेमाल करते हैं, तो ऊपर बताए गए आसान तरीकों से अपनी जांच करें और जरूरत पड़ने पर बिजली कंपनी से मदद लें। बिजली विभाग को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, ताकि आम लोगों को नुकसान न हो।

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